शोध प्रारूप तथ्य संकलन की विधियाँ (भाग – 4)
- साक्षात्कार के उद्देश्य – अन्वेषण और वर्णन
- सामान्यतया गुणात्मक अनुसंधान में प्रयुक्त किया जाता है।
- असंरचितसाक्षात्कार, -संरचित साक्षात्कार
- प्राथमिक आंकड़े कहलाते हैं – प्रगणक के द्वारा स्वयं के प्रयत्नों से
- पूर्व में संकलित आंकड़ों का प्रयोग करके
- प्राथमिक आंकड़ेवह होते हैं, जो – अनुसंधानकर्ता द्वारा पहली बार एकत्रित किया जाता है।
- प्रश्नावली की अपेक्षा अनुसूचियों से संकलित सूचनाएं – अधिक विश्वसनीय होती हैं
- प्रश्नावली के उद्देश्य हैं – समय, धन एवं परिश्रम की बचत होती है।
- गोपनीयता से सूचना प्राप्त करना, जो अन्य साधनों से प्राप्त नहीं हो सकता है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य विस्तृत क्षेत्र से यथार्थ एवं स्वाभाविक सूचनाओं को संकलित करना है।
- सैंपलिंग विधि में शामिल है
- Random sampling
- Non-random sampling
- Group sampling
- प्राथमिकआंकड़े के लिए सही कथन
- प्राथमिक आंकड़े मौलिक होते हैं।
- प्राथमिक आंकड़े अनुसंधान के उद्देश्य के सर्वथा उपयुक्त होते हैं।
- प्राथमिक आंकड़ों के प्रयोग में सतर्कता की आवश्यकता नहीं होती है।
- प्राथमिक आंकड़ों के संकलन में अधिक समय, परिश्रम एवं धन की आवश्यकता होती है।
- सामाजिक अनुसंधान में प्रयोग की जाने वाली गुणात्मक पद्धति है।
- साक्षात्कार निर्देशिका
- सहभागी अवलोकन
- जीवन इतिहास
- संगणना विधि के मुख्य कारण है
- इसके आंकड़ों में शुद्धता एवं विश्वसनीयता होती है।
- समग्र की प्रत्येक इकाई के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है।
- सुमेलित
- किसी बड़ी आबादी में से प्रबंधकीय लोगों का अध्ययन के लिए चयन – सैंपल
- प्रतिनिधि सैंपल के चयन में असफलता एक विचार जिसके परिवर्तन के कारणों का – सेंपलिंग त्रुटि
- आश्रित विचार से कोई सरोकार नहीं होता दो अथवा अधिक प्रभावित विचारों के बीच – स्वतंत्र विचार
- संबंध के बारे में परीक्षाजन्य – परिकल्पना
- सामाजिक अनुसंधान कीपरिमाणात्मक पद्धति है? – प्रश्नावली
- आंकड़ों कोउपयोगी एवं महत्वपूर्ण बनाने के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाता है?
- आंकड़े विश्वासनीय होने चाहिए।
- आंकड़ों के अर्थ पूर्ण एवं उपयुक्त होना चाहिए।
- आंकड़ा संग्रह की योजना को स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए।
- आंकड़ों के प्राथमिक स्रोत के अंतर्गत कौन-से स्रोत हैं?
- अवलोकन, मौखिक छानबीन
- प्रश्न अनुसूचियाँ, साक्षात्कार
- तथ्य विश्लेषण में निहित तार्किक चरणों को सहीक्रम
- सामग्री वर्गीकरण, -कोडिंग,-सामग्री प्रविष्ट,-सामग्री की सफाई
- प्रश्नावली की विशेषताएं होती हैं
- संगठित, व्यक्तिगत रूप से प्रशासित, सरल और सुस्पष्ट
- निदर्शन प्रणाली के क्या लाभ हैं?
- शुद्ध निष्कर्षों की प्राप्ति होती है।
- प्रशासनिक व्यवस्था में सुविधा होती है।
- समय की बचत होती है।
- सुमेलित
- बोगार्डस – निदर्शन विधि एक पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार इकाइयों के एक समूह में निश्चित प्रतिशत का चुनाव है
- सिनपाओ यंग – एक सांख्यिकीय निदर्शन सम्पूर्ण समूह का प्रतिनिधि अंश है।
- पी. वी यंग – सांख्यिकीय निदर्शन उस संपूर्ण समूह का प्रतिनिधि अंश जिसमें या निदर्शन किया जाता है।
- गुडे एवं हॉट – निदर्शन विशाल सम्पूर्ण का छोटा प्रतिनिधि है।
- एक अच्छी रिपोर्ट की विशेषताएं होती हैं।
- सुंदर एवं आकर्षक होनी चाहिए।
- तथ्यों को तार्किक क्रम में प्रस्तुत करना चाहिए।
- रिपोर्ट को अधिक आकर्षक बनाने के लिए शीर्षक, ग्राफ, फोटो इत्यादि का प्रयोग विशिष्ट तरीकों से करना चाहिए।
- अच्छी रिपोर्ट में तथ्यों का विश्लेषण अथवा व्याख्या वैज्ञानिकस्तर पर स्पष्ट रूपों में की जानी चाहिए ताकि रिपोर्ट को पढ़कर ही लोगों को यह विश्वास हो जाए कि रिपोर्ट में जो कहा गया है वह काल्पनिक नहीं है।
- कम उतरदाता होने पर अथवा लक्षित समग्र अज्ञात हो या उत्तरदाता तक पहुंचना कठिन हो तब कौन-सा निर्देशन प्रयुक्त किया जाता है– वर्णन, अन्वेषण