शोध प्रारूप तथ्य संकलन की विधियाँ वस्तुनिष्ठ प्रश्न (भाग – 5)
- सुमेलित
- पी. वी यंग – सांख्यिकीय निदर्शन (Sampling)
- संगणना विधि – जनगणना प्रयोग
- पोप – प्रश्नावली
- जॉनसन – प्रतिवेदन
- प्रश्नावली की प्रमुख विशेषताएं
- प्रश्नावली प्रश्नों की सूची होती है।
- प्रश्नावली का प्रयोग केवल शिक्षित वर्ग के द्वारा होता है।
- प्रश्नावली का लेखन
- इनमें जिन प्रश्नों को सम्मिलित करके प्रयोग किया जाता है उन्हें टाइप अथवा साइक्लोस्टाइलया प्रकाशित कर लिया जाता है।
- प्रश्नावली को भरते समय अनुसंधानकर्ता एवं प्रगणक द्वारा सूचना दाता को किसी प्रकार की सहायता नहीं की जाती है।
- प्रश्नावली के प्रश्नों का निर्माण खोज के विषय के उद्देश्य और प्रकृति को ध्यान में रखकर किया जाता है।
- सुविधाजनक निदर्शन (Convenience Sampling) क्या है?
- आकस्मिक या दुर्घटनात्मक निर्देशन
- गैर-प्रायिकता निदर्शन
- अव्यवस्थित निदर्शन
- सुमेलित
- सामाजिक अनुसंधान के लिए जिसमें सामाजिक संवृति का किसी एकल घटना के गहन अध्ययन की सामग्री का प्रयोग है – व्यक्तिगत अध्ययन
- किसी विषय/व्यक्ति सम्बन्धीनिर्मित प्रश्नावली जिसमें साक्षात्कार के उतरदाता से पूछा जाता है – साक्षात्कार
- किसी उत्तरदाता द्वारा भरकर लौटाई गई प्रश्नावली जिसका प्रयोग सामाजिक सामग्री जुटाने हेतु होता है – प्रश्नावली
- वह गुणवत्ता जो किसी प्रस्तावना को दी गई है कि वह किसी सीमा तक स्थापित ज्ञान अथवा सत्य के अनुसार है – वैधता
- सही कथन
- भारत में संगणना विधि का प्रयोग जनगणना के दौरान प्रत्येक 10 वर्ष में किया जाता है।
- सामाजिक शोध एवं संरक्षण मेंनिदर्शन विधि का प्रयोग सर्वाधिक होता है।
- संगणना विधि (Census Method) – यदि शोधकर्ता व्यक्ति समूह स्थापित कर अध्ययन करता है तो वह संगणना विधि कहलाता है।
- निदर्शन विधि –यदि शोधकर्ता कुछ सदस्यों को प्रतिनिधि के रूप में चुनकर उनसे तथ्यों का संकलन कर अध्ययन करता है तो वह निदर्शन विधि (Sampling Method) कहा जाता है।
- सुमेलित
- किसी परिदृश्य के प्रारंभिक मोटी समक्ष विकसित करने की चेष्टा– परिकल्पना
- अध्ययनाधीन परिदृश्य या किसी समष्टि के लक्षणों का ठीक-ठीक मापन तथा उनकी सूचना देना –खोज
- सिद्धांत से निकाली चीजों की प्रकृति के बारे में विशिष्ट अपेक्षाओं का विवरण– स्पष्टीकरण
- अध्ययनाधीन परिदृश्य के विभिन्न पहलुओं के बीच संबंध की खोज और सूचना देना – विश्लेषण की इकाई
- प्रतिवेदन लिखने की प्रक्रिया है
- प्रतिवेदन की प्रकृति तथा उद्देश्य का निश्चयन
- प्रतिवेदन का ढांचा तैयार करना
- प्रतिवेदन का आलेखन
- सुमेलित
- Street corner society – प्रतिभागी अवलोकन
- American Soldier – साक्षात्कार विधि
- Afluact worker – प्रश्नावली विधि
- Law with – वैयक्तिक अध्ययन
- सुमेलित
- क्षेत्रीय स्रोत – व्यक्तियों से प्राप्त सूचना
- ऐतिहासिक स्रोत – शिलालेख
- द्वितीयक स्रोत – सार्वजनिक प्रलेख
- प्रत्यक्ष स्रोत – अवलोकन
- सुमेलित
- संपादन – आधार सामग्री का निरीक्षण
- वर्गीकरण – व्यवस्थित रूप में विभिन्न श्रेणी में विभाजन
- सारणीयन – सुगम स्पष्ट एवं तुलनायोग्य
- विश्लेषण – सारणीबद्ध विषय सामग्री का अध्ययन
- सुमेलित
- SPSS – सॉफ्टवेयर
- पुस्तकालय – प्राथमिक स्त्रोतप्रप्ति
- मैकाइवर – नैतिक अनुसन्धान
- बोगार्डस – निदर्शन प्रविधि
- गार्डनर एवं इलियटने सफल साक्षात्कार के कौन-से लक्षण बताए हैं? – समक्ष, पहुंच, प्रेरणा
- सुमेलित
- अंतराल मापनी – संख्या के बीच अंतर समान
- क्रमसूचक – वर्गों का क्रम निर्धारण
- अंकित मापन – गुणात्मक अंतर
- अनुपातिक मापन – सभी गुणों को समायोजित एवं वास्तविक अंतर प्रदर्शित
- सुमेलित
- मिश्रित प्रश्नावली – बंद एवं खुली दोनों प्रश्न
- खुली प्रश्नावली – प्रत्येक प्रश्न के आगे उत्तर
- तथ्य प्रश्नावली – सामाजिक तथ्यों की जानकारी
- चित्रमय प्रश्नावली – प्रश्नों के उत्तर चित्रों के माध्यम से
- सुमेलित
- अवलोकन – प्राथमिक स्रोत
- प्रकाशित स्रोत – द्वितीयक स्रोत
- SPSS – सॉफ्टवेयर
- कथन (A) संगणना विधि से प्राप्त आंकड़ों में अधिक विश्वसनीयता एवं शुद्धता पाई जाती है। कारण (R) इस विधि में पूरे क्षेत्र की व्यक्तिगत इकाई से संपर्क स्थापित कर के आंकड़े स्थापित किए जाते हैं
- A और R दोनों सही है तथा R, A की सही व्याख्या है
- कथन (A) संगणना विधि विस्तृत क्षेत्र एवं विविधताओं वाले क्षेत्र के लिए अधिक उपयोगी है। कारण (R) इस विधि का प्रयोग वहां अधिक उपयुक्त माना जाता है जहां गणना अध्ययन की जरूरत है।
- A गलत है, किन्तु R सही है
- कथन (A) संगणना विधि गणना की काफी खर्चीली विधि है। कारण (R) इसमें सूचना समग्र की प्रत्येक इकाई से एकत्र की जाती है।
- A और R दोनों सही है तथा R, A की सही व्याख्या है
- कथन (A) निदर्शन प्रणाली से प्राप्त निष्कर्ष विश्वसनीय एवं शुद्ध होते हैं। कारण (R) अनुसंधानकर्ता का ध्यान कुछ निश्चित इकाइयों पर केंद्रित होता है।
- A और R दोनों सही है तथा R, A की सही व्याख्या है
- कथन (A) सामाजिक अनुसंधान में व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व निदर्शन के लिए चुनाव करना बहुत ही जटिल होता है। कारण (R) समाज के भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में बहुत अधिक विविधता पाई जाती है।
- A और R दोनों सही है, परन्तुR, A की सही व्याख्या नही है।