राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा (भाग -4)
राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा (भाग -4)

राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा (भाग -4)

राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा

61. राज्य विधानमंडल के विशेषाधिकार के बारे में कहा गया है

  • इसके सदस्य के पकड़े जाने गिरफ्तार होने दोषी सिद्ध कारावास के संबंध में तत्काल सूचना प्राप्त करने का अधिकार है।
  • न्यायालय सभा या इसकी समितियों की जांच नहीं कर सकती।
  • पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार और किसी विधिक प्रक्रिया को सभा परिसर में नहीं किया जा सकता।

62. राज्य के राज्यपाल को बाह्य आक्रमण से उत्पन्न होने वाली प्रस्तुति का सामना करने के लिए कोई आपात शक्तियां प्राप्त नहीं है।

63. अनुच्छेद 155 के अनुसार – राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की जाएगी भारत का संविधान संघात्मक है।

  • अनुच्छेद 163 के अनुसार – राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रीपरिषद एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा पर राज्यपाल केस्वविवेक संबंधी कार्यों में मंत्रिपरिषद के सुझाव लेने के लिए बाध्य नहीं होगा।
  • अनुच्छेद 167 के अनुसार – राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य हैं।
  • अनुच्छेद 169 के अनुसार – राज्य में विधान परिषदों की संरचना या उनकी समाप्ति विधानसभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृति में संभव है।

64. मंत्रीपरिषद के उत्तरदायित्व

  • सामूहिक उत्तरदायित्व -मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। इसका तात्पर्य है कि मंत्रिपरिषद सभी क्रियाकलापों कृत्यों के लिए विधानसभा के प्रति संयुक्त उत्तरदायित्व होगी।
  • व्यक्तिगत उत्तरदायित्व – अनुच्छेद 164 के अंतर्गत मंत्री व्यक्तिगत रूप से राज्यपाल के प्रति उत्तरदायी होता है।

65. सही कथन

  • किसी राज्य के मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री को राज्य के राज्यपाल तथा केंद्रीय गृह मंत्री से परामर्श करनाबाध्यकर है।
  • किसी राज्य का मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग राज्य के मुख्य सचिव के समग्र नियंत्रण में काम करता है।

राज्य प्रशासन का संवैधानिक रुपरेखा (भाग -3)

66. राज्य में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा की जा सकती है

  • राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाए
  • राज्य का राज्यपाल अपने संवैधानिक कार्यों के निष्पादन में असफल हो जाए
  • राज्य प्रशासन संविधान के प्रावधानों के अनुरूप शासन चलाने में असफल हो जाए

67. राज्यपाल राज्यविधायिका के सामने प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है

  • राज्य वित्त आयोग का
  • राज्य लोक सेवा आयोग का
  • नियंत्रक एवं महालेखाकार का राज्य में लेखों से संबंधित

68. राज्य प्रशासन में मुख्य सचिव

  • एक चयन पद है।
  • राज्य का वरिष्ठतमसिविल सेवक है।
  • मुख्यमंत्री का सलाहकार है
  • राज्य मंत्रिमंडल का सचिव भी है

69. सुमेलित

  • अनुच्छेद 153                    –                  राज्यपाल का पद
  • अनुच्छेद 156                    –                  राज्यपाल का कार्यकाल
  • अनुच्छेद 154                    –                  राज्यपाल का कार्यकारी अधिकार
  • अनुच्छेद 155                    –                  राज्यपाल की नियुक्ति

70. सचिवालय के बारे में

  • सचिवों के कार्यालयों से बना होता है
  • मंत्रियों और सचिवों द्वारा संयुक्त रूप से बना होता है
  • विभिन्न नीतियों के बनाने में सहायता प्रदान करता है

71. सुमेलित

  • वास्तविक शासन                –                  मुख्यमंत्री
  • नीति-निर्माण                      –                  सचिवालय
  • विधायी शासन                    –                  राज्यपाल
  • नीतिकार्यन्वयन                  –                 निदेशालय

72. राज्यपाल के बारे में

  • राज्यपाल, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा त्यागपत्र दे सकता है।
  • उसे 35 वर्ष की आयु पूरे किए हुए होना चाहिए
  • अनुच्छेद 158(3) के अनुसार राज्यपाल ऐसी उपलब्धियों और विशेषाधिकार का अधिकारी होगा
  • अनुच्छेद 158(3)(A) अनुसार, यदि एक व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जाता है, तो राष्ट्रपति के आदेश द्वारा वेतन तथा भते उन राज्यों के बीच निश्चित अनुपात में आवंटित करेगा।
  • यह व्यवस्था सातवें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा की गई थी
  • उसके विरुद्ध कोई अपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता है

73. मुख्य सचिव के बारे में

  • केंद्र सरकार में उसके समक्ष कोई पद नहीं है
  • बारी के आधार पर क्षेत्रीय परिषद का सचिव होता है
  • मुख्य सचिव पूरे राज्य सचिवालय को नियंत्रित तथा उसका कुशलतापूर्वक पर्यवेक्षण करता है।
  • वह राज्य स्तर पर उन सब कार्यों को निपटाता है जो किसी को नहीं सौंपे गए होते हैं।

74. राज्य सचिवालय के अधिकारी अवरोही क्रम में (ऊपर से नीचे)

  • विशेष सचिव संयुक्त सचिव उप सचिव अवर सचिव सहायक सचिव

75. राष्ट्रपति और राज्यपाल को प्राप्त क्षमादान अधिकार के मध्य अंतर के संबंध में

  • राष्ट्रपति मृत्युदंड को माफ कर सकता है किंतु राज्यपाल नहीं।
  • राष्ट्रपति कोर्ट मार्शल द्वारादी गई सजा को माफ कर सकता है किंतु राज्यपाल नहीं।

मुख्य कार्यकारी के कार्य

76. मुख्य सचिव और मंत्रिमंडल सचिव दोनों के कार्य

  • दोनों अपनेअपने प्रशासन के मुख्यसमन्वयक है।
  • दोनों अपनेअपने प्रमुख कार्यकारियों के मुख्य सलाहकार है।
  • दोनों अपनेअपने मंत्रिमंडल के सचिव है।

77. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव द्वारा किए जाने वाले कार्य केंद्र स्तर पर किसके द्वारा किए जाते हैं? – कैबिनेट सचिव और कार्मिक सचिव

78. राज्यपाल द्वारा किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित किए जाने की शक्ति के संबंध में सही कथन

  • इन शक्तियों का निर्धारण अनुच्छेद 200 में किया गया है
  • यदि विधेयक से उच्च न्यायालय की गरिमा प्रभावित होती है तो इस अधिकार का प्रयोग अनिवार्य है
  • यह राज्यपाल की विवेकाधीन सकती है

79. सचिवालय से संबंधित प्रशासनिक सुधार आयोग (1966-68) की सिफारिश में

  • सभी विभागों में नीतिगत सलाहकार समिति का गठन किया जाना चाहिए
  • राज्य के सचिवालय में विभागों की संख्या 13 से अधिक नहीं होनी चाहिए
  • मंत्रियों के नीचे विचार विमर्श और निर्णय के दो स्तर होने चाहिए।

80. मुख्य सचिव के बारे में

  • वह सरकार के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी का कार्य करता है
  • वाह अंतर सरकारी मामलों में संचार के माध्यम के रूप में कार्य करता है
  • मुख्य सचिव का पद सामान्यतः ब्रिटिश विरासत की देन है।इस पद का उद्भव 1799 में लार्डवेलेजली द्वारा किया गया है
  • राज्य प्रशासन के मुख्य सचिव का वही स्थान होता है, जो केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव का होता है।